Dilip Kumar Biography in Hindi

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द इंडियन एक्सप्रेस

Dilip Kumar Biography Hindi me

पेशेवर और लोकप्रिय रूप से दिलीप कुमार के नाम से मशहूर अभिनेता का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। इनका जन्म ११ दिसंबर, १९२२ उत्तर पश्चिम-वेस्ट फ्रंटियर पंजाब के पेशावर में हुआ था जो समकालीन ब्रिटिश हुकूमत का हिस्सा था ।

इनका निधन दिनांक ७ जुलाई २०२१ को मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में हो गया., इसके साथ थी एक युग की समाप्ति हो गयी ।

एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता और परोपकारी व्यक्ति थे, जिन्हें हिंदी सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता था। उनके अभिनय के नये अंदाज़ के लिए वे "ट्रैजेडी किंग" और "द फर्स्ट खान" के नाम से भी मशहूर हुए ।

उन्हें हिंदी सिनेमा में एक अलग तरह का अभिनय तकनीक लाने का श्रेय दिया गया जाता है। दिलीप कुमार का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार को सबसे अधिक जीत का रिकॉर्ड आज भी कायम है और वह इस पुरस्कार को पाने वाले प्रथम अभिनेता भी थे।

बॉम्बे टॉकीज द्वारा निर्मित फिल्म ज्वार भाटा (1944) एक अभिनेता के रूप में पहली फिल्म थी। पांच दशक से अधिक के करियर में, कुमार ने 65 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनके फिल्मों में अलग तरह के प्रयोग के लिए भी जाना जाता है जैसे :-

  • रोमांटिक अंदाज़ (1949), 
  • दमदार आन (1952),
  • सामाजिक नाटक दाग (1952),
  • ड्रामा देवदास (1955),
  • कॉमेडी आज़ाद (1955),
  • कॉमेडी राम और श्याम (1967) 
  • ऐतिहासिक मुगल-ए-आज़म 
  • सामाजिक डकैत  ड्रामा  गंगा जमुना (1961)

जैसी फिल्मों में अपने शानदार भूमिकाओं के लिए जाना जाता है।  

1976 में दिलीप कुमार ने फिल्म अभिनय से पांच साल का ब्रेक लिया, लम्बे समय के बाद फिल्म क्रांति (1981) में एक चरित्र भूमिका के साथ लौटे और

  • शक्ति (1982),
  • मशाल (1984),
  • कर्मा (1986) और
  • सौदागर (1991)।

जैसी फिल्मों में प्रमुख भूमिका निभाते हुए अपना फ़िल्मी कैरियर करियर जारी रखे रहे ।  

उनकी आखिरी फिल्म किला (1998) थी।

दिलीप कुमार का अभिनेत्री मधुबाला के साथ रिश्ता लंबे समय तक चला था लेकिन उन्होंने कभी उनसे शादी नहीं की। शायद इसके कारण मधुबाला का दिल में छेद होना था क्योंकि मधुबाला का इस बीमारी के कारण ज्यादा दिन जीने की उम्मीद नहीं थी और ऐसा हुआ भी .

उन्होंने १९६६ में अभिनेत्री सायरा बानो से शादी की। वह मुंबई, महाराष्ट्र के एक उपनगर बांद्रा में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। उन्हें अभिनय के देवता के उपनाम से भी जाना जाता था।

प्रारंभिक जीवन

कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को उनके परिवार के घर पेशावर, ब्रिटिश भारत के किस्सा ख्वानी बाजार इलाके में हुआ था, जो लाला गुलाम सरवर खान और उनकी पत्नी आयशा बेगम के बारह बच्चों में से एक थे।

इनका वास्तविक नाम मोहम्मद यूसुफ खान था, उनके पिता एक फल व्यापारी थे, जो उस समय नासिक के पास देवलाली और बाद में पेशावर में फलों के बागीचे के मालिक थे।

मोहम्मद यूसुफ खान की स्कूली शिक्षा बार्न्स स्कूल, देवलाली, नासिक में हुई थी। वह उसी धार्मिक रूप से मिश्रित पड़ोस में पले-बढ़े, जहां राज कपूर, उनके बचपन के दोस्त और बाद में फिल्म उद्योग में उनके सहयोगी थे।

तराना की शूटिंग के दौरान कुमार को मधुबाला से प्यार हो गया था। वे नया दौर अदालत के मामले तक सात साल तक रिश्ते में रहे, जिसके दौरान कुमार ने मधुबाला और उसके पिता के खिलाफ गवाही देकर उनके रिश्ते को खत्म कर दिया।

कैरियर 

दिलीप कुमार की पहली फिल्म ज्वार भाटा थी जो वर्ष 1944 में रिलीज़ हुई थी, लेकिन ये फिल्म सफल नहीं हो सकी।

कई असफल फिल्मों के बाद 19४७ में रिलीज़ की गयी फिल्म जुगनू  पहली सुपरहिट सिद्ध हुई जिसमे उन्होंने ने नूरजहाँ के साथ काम किया था।

अगले वर्ष 1948 में उनकी दो फिल्मे सुपरहिट हुई वे थे शहीद और मेला, उसी प्रकार उनकी फिल्मों के सिलसिला आगे बढ़ता रहा। 

Diliip Kumar with Raj Kapoor and Nargist movie Andaz

फिल्म अंदाज़ (1949) के एक दृश्य में अभिनेता राज कपूर और नरगिस के साथ कुमार (विकिपीडिया)

वर्ष 1950-60 की प्रमुख फ़िल्में 

  • जोगन (1950)
  • बाबुल (1950) 
  • हलचल (1951) 
  • दीदार  (1951)
  • तराना  (1951) 
  • दाग  (1952)
  • संगदिल (1952) 
  • शिकस्त (1953) 
  • अमर  (1954)
  • उड़न खटोला (1955)
  • इंसानियत (1955)
  • देवदास (1955) 
  • नया दौर (1957)
  • यहूदी (1958)
  • मधुमति (1958)
  • पैगाम (1959)
  • आन (1952) - प्रथम रंगीन फिल्म 
  • आज़ाद (1955) 
  • कोहिनूर (1960)
  • वर्ष 1960-70 की प्रमुख फ़िल्में 

    वर्ष 1960 में, उन्होंने के. आसिफ की बड़े बजट की ऐतिहासिक फिल्म मुगल-ए-आज़म में प्रिंस सलीम की भूमिका निभाई, जो 11 वर्षों तक भारतीय फिल्म इतिहास में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी।

    इसे 1971 की फिल्म हाथी मेरे साथी और बाद में 1975 की फिल्म शोले द्वारा फिल्म मुगल-ए-आज़म के सबसे अधिक कमाई का रिकॉर्ड तोडा गया।

    यदि वर्ष 2011 मुद्रास्फीति दर से तुलना की जाए तो, तो मुगल-ए-आज़म शुरुआत में सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी, जो कि 1000 करोड़ के बराबर थी।

    • गंगा जमुना  (1960)
    • लीडर (1964) 
    • राम और श्याम (19६८)
    •  दिल दिया दर्द लिया (1966)
    • आदमी
    • संघर्ष  

    वर्ष 1970-80 की प्रमुख फ़िल्में 

    • सगीना महतो (19७०) (बंगला भाषा में )
    • गोपी (1972) (सायरा बानो के साथ
    • दास्तान  (19७२)
    • सगीना (19७4) (हिंदी में)
    • बैराग (19७६)

    दिलीप कुमार वर्ष 1976 से 1981 तक  5 वर्षों तक फिल्मों से दूर रहे।

    वर्ष 1980-2000 तक की प्रमुख फ़िल्में 

    • क्रांति (1981)
    • विधाता (19८२) 
    • शक्ति (1983)
    • मशाल (19८४)
    • दुनिया  (19८४) 
    • कर्मा  (1986)
  • कर्मा (1986)
  • शिकवा (19८8) 
  • कानून अपना अपना (1983)
  • सौदागर (1991)
  • कलिंगा  (1992) 
  • क़िला (1998)
    • असर-द इम्पैक्ट (2001)
    • मुग़ल-ए-आज़म (20०४)
    • नया दौर (20०८)
    • आग का दरिया (2013) incompl
    • मदर लैंड (2013) incomplete

    निजी जीवन (Personal Life)

    तराना की शूटिंग के दौरान कुमार को मधुबाला से प्यार हो गया था। वे नया दौर अदालत के मामले तक सात साल तक रिश्ते में रहे, जिसके दौरान कुमार ने मधुबाला और उसके पिता के खिलाफ गवाही देकर उनके रिश्ते को खत्म कर दिया।

    मुगल-ए-आजम (1960) के बाद उन्होंने फिर कभी साथ काम नहीं किया। 1950 के दशक के उत्तरार्ध में, वैजयंतीमाला का नाम फ़िल्मी पत्रिकाओं द्वारा कुमार के साथ जोड़ा गया।

    इसका करना था कि उन्होंने अन्य अभिनेत्री की तुलना में वैजयंतीमाला के साथ सबसे अधिक अभिनय किया, जिसके परिणामस्वरूप उनके बीच शानदार ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री मशहूर हुई।

    अपने होम प्रोडक्शन गंगा जमुना (1961) के लिए काम करते हुए, उन्होंने साड़ी के उस शेड को चुना जो वैजयंतीमाला हर सीन में पहने हुए नज़र आती है।

    इसके अलावा, फिल्म रिपोर्टर बनी रूबेन और संजीत नार्वेकर ने दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला के अफेयर की "पुष्टि" की है, जिसमें कहा गया है कि वैजयंतीमाला, कामिनी कौशल और मधुबाला के बाद कुमार का तीसरा प्यार था।

    शादी (Marriage)

    दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी लाखों दिलों को पिघला देती है। 22 साल की उम्र के अंतर के बावजूद, दंपति समय की कसौटी पर खरे उतरे और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम की।

    Dilip Kumar with Saira Banu old and latest

    दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ - TOI

    इनकी कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। बुधवार (7 जुलाई, 2021) को दिग्गज अभिनेता की मृत्यु से पहले, दिलीप कुमार और सायरा बानो 54 साल से एक साथ थे।

    दोनों अपने जीवन के छोटे-बड़े कठिनाइयों के समय में भी एक साथ रहे हैं। अपने जीवन के आखिरी पलों में भी सायरा बानो ने उनके साथ थी।

    1966 में, कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानो से शादी की, जो उनसे 22 साल छोटी थीं। बाद में उन्होंने 1981 में हैदराबाद की सोशलाइट अस्मा रहमान से दूसरी में शादी कर ली जिनसे जनवरी 1983 में तलाक हो गया

    Asma Rahman 2nd wife dilip kumar

    अपनी पूर्व पत्नी आसमा रहमान के साथ दिलीप कुमार (दैनिक भास्कर)

    दोनों की कोई कोई संतान नहीं है। अपनी आत्मकथा, दिलीप कुमार: द सबस्टेंस एंड द शैडो में, उन्होंने खुलासा किया है कि बानो ने 1972 में गर्भवती हुई, लेकिन गर्भावस्था में जटिलता के कारण बच्चे की मृत्यु हो गई।

    इसके बाद, उन्होंने फिर से माँ बनने की कोशिश नहीं की, यह मानते हुए कि यही इश्वर की इच्छा है।

    शिक्षा - ज्ञान (Education - Knowledge)

    उन्होंने स्कूली शिक्षा बार्न्स स्कूल से प्राप्त की, उसके बाद जूनियर कॉलेजगुरु और नानक खालसा कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स (स्वायत्त) से आगे की पढाई की।

    कुमार उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी, हिंदको (उनकी पहली भाषा), पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती,  फारसी, पश्तो, भोजपुरी और अवधी और भाषा बोलने में पारंगत थे। 

    वह एक बड़े संगीत प्रेमी भी थे और उन्होंने  फिल्म के लिए सितार बजाना भी सिखा। उन्हें क्रिकेट से बहुत लगाव था और इसे अक्सर अपने फ़िल्मी मित्रों के साथ खेलते थे।

    सामाजिक कार्य और राजनीति (Social Work and Politics)

    राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha Member)

    दिलीप कुमार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा २०००-२००६ की अवधि के लिए महाराष्ट्र से राज्यसभा (भारत की संसद के ऊपरी सदन) के सदस्य के रूप में चुना गया था।

    उन्होंने अपने MPLAD फंड के एक महत्वपूर्ण हिस्से का उपयोग बैंडस्टैंड प्रोमेनेड के निर्माण और बांद्रा में लैंड्स एंड पर बांद्रा किले में पार्क के नवीनीकरण के लिए किया।

    जोगर्स पार्क   (Joggers Park)

    वे कई धर्मार्थ और सामाजिक पहलों से भी जुड़े हुए थे। उन्होंने सुनील दत्त और ओलिवर एंड्रेड के साथ बांद्रा में प्रसिद्ध जॉगर्स पार्क की योजना बनाई और पूरा किया। 

    उन्होंने इस सार्वजनिक पार्क की स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए भाग दौड़ की और अपने अच्छे संबंधों के कारण इसे पास करा पाए।

    आपको बता दें कि इसी पार्क पर आधारित एक फिल्म भी बन चुकी है 

    उपलब्धि और पुरस्कार  (Achievements and Awards)

    कुमार को व्यापक रूप से हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे महान अभिनेताओं में से एक माना जाता है।उनके नाम एक भारतीय अभिनेता द्वारा सबसे अधिक पुरस्कार जीतने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

    उन्होंने अपने पूरे करियर में कई पुरस्कार प्राप्त किए, जिसमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए

     8 फिल्मफेयर पुरस्कार और एक फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट मिले हैं 

    सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार
    • वर्ष 1954: फिल्म दाग
    • वर्ष 1956: फिल्म आज़ाद
    • वर्ष 1957: फिल्म देवदास 
    • वर्ष 1958: फिल्म नया दौर
    • वर्ष  1961: फिल्म कोहिनूर
    • वर्ष 1965: फिल्म लीडर
    • वर्ष 1968: फिल्म राम और श्याम
    • वर्ष 1983: फिल्म शक्ति
    Dilip kumar with filmfare award

    वर्ष 1991 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण प्रदान किया गया। 

    और विशेष पहचान फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए उन्हें भारत की कोकिला लता मंगेशकर के साथ फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले प्राप्तकर्ता के रूप में मान्यता मिली। 

    50वें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में महानतम हिंदी संगीत निर्देशक नौशाद अली और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर में 19 नामांकन के साथ यह उपलब्धि प्राप्त हुई।

    • 1993 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
    • गंगा जमुना (1961), जिसे उन्होंने लिखा, निर्मित और अभिनय किया, को हिंदी में दूसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार।
    • बोस्टन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पॉल रेवरे सिल्वर बाउल।
    • चेकोस्लोवाक अकादमी से विशेष सम्मान डिप्लोमा भी मिला। प्राग में कला के, और कार्लोवी वेरी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में विशेष पुरस्कार।

    शाहरुख खान सहित कई महान अभिनेता कुमार को अपनी प्रेरणा मानते हैं। इन्हें "ट्रेजेडी किंग" के रूप में भी जाना जाता था क्योंकि उन्होंने दुखों को दर्शाने वाली फिल्मों के लिए ट्रेजेडी लेकिन शानदार अभिनय किये हैं।

    • 1994 - दादा साहब फाल्के पुरस्कार
    • 1991 - भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण
    • 1979-1982 - इस अवधि के लिए भारत के महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा बॉम्बे के शेरिफ के रूप में नियुक्त किया गया।
    • 1998 - पाकिस्तान सरकार ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज (ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस) से सम्मानित किया।
    • 2000 के दशक तक कुमार एकमात्र ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने २००० के दशक के मध्य तक शाहरुख खान द्वारा उनके रिकॉर्ड की बराबरी किए जाने तक ८ फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार के साथ सबसे आगे थे।
    • भारत की आजादी से लेकर 2010 के अंत तक कुमार ने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्में (9 फिल्में) देने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
    • इसे सलमान खान ने 10 फिल्में सुपरहिट देकर उनके कमाई का रिकॉर्ड तोड़ा। लेकिन उस समय के भारतीय मुद्रा मूल्य के हिसाब से अभी भी यह रिकॉर्ड  दिलीप कुमार के पास है। 
    • उनकी ऐतिहासिक फिल्म मुगल-ए-आज़म तत्कालीन  मुद्रास्फीति (भारतीय मुद्रा मूल्य के हिसाब से) के हिसाब से भारत में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म (2015 में 2000 करोड़ के बराबर) है।

    ऑटोबायोग्राफी (Autobiography)

    दिलीप कुमार:  द सब्स्तांस एंड शैडो ऐज नैरेटेड टू उदयतारा नायर है जी हे हाउस पब्लिशर्स (इंडिया) प्राइवेट द्वारा प्रकाशित की गई थी। लिमिटेड

    दिलीप कुमार से संबंधित कुछ मज़ेदार तथ्य (Amazing Facts)

    • उर्दू भाषा में प्रवीणता के कारण, उन्होंने पटकथा-लेखन में अपना करियर शुरू किया।
    • अभिनेत्री और फिल्म निर्माता/निर्देशिका देविका रानी के कहने पर उन्होंने अपना नाम युसूफ से बदलकर दिलीप रखा था।
    • देविका रानी ने उन्हें फिल्म-ज्वार भाटा (1944) के लिए मुख्य भूमिका में लिया गया था, जो हिंदी-फिल्म उद्योग में एक अभिनेता के रूप में दिलीप कुमार की शुरुआत थी।
    • उनकी पहली फिल्म- ज्वार भाटा (1944) में उनके अभिनय कोई खास ध्यान नहीं खिंच पाया और उनकी पहली सुपरहिट नूरजहाँ के साथ जुगुनु (1947) थी।
    • खलनायक के रूप में उनकी पहली फिल्म अमर (19५४) जिसमें मधुबाला और निम्मी अभिनेत्रियां थी। 
    • उन्हें ब्रिटिश फिल्म डायरेक्टर डेविड लिन ने प्रसिद्ध ब्रिटिश फिल्म लॉरेंस ऑफ़ अरेबिया के में रोल का ऑफर दिया जिसे उन्होंने इंकार कर दिया था।
    • उन्होंने वर्ष 19७६ से 1981  के बीच पाँच वर्षों के लिए फिल्मों से दुरी बना ली थी या संन्यास ले लिया था।
    • फिल्म अभिनेता के रूप में सबसे अधिक पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है।

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न  (FAQ)

    दिलीप कुमार का असली नाम

    दिलीप कुमार का असली नाम युसूफ खान है

    अभिनेता दिलीप कुमार का निधन कब हुआ/दिलीप कुमार डेथ डेट

    दिलीप कुमार का निधन 7 जुलाई 2021 को हो गया .

    दिलीप कुमार का परिवार

    दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ मुंबई स्थित बांद्रा में रहते थे, दोनों को कोई संतान नहीं है. 

    दिलीप कुमार हिन्दू है या मुसलमान

    दिलीप कुमार का असली नाम युसूफ खान है, पहली फिल्म ज्वार भाटा में अभिनय करने से पहले, फील्म निर्माता व निदेशक देविका रानी ने दिलीप कुमार को अपना नाम बदलने के लिए तीन नाम सुझाये, तो युसूफ खान ने फिल्म के लिए अपना नाम दिलीप कुमार चुना.  तभी से ये दिलीप कुमार के नाम से सिनेमा में मशहूर हो गए.

    इनके सभी डाक्यूमेंट्स में इनका नाम मोहम्मद युसूफ खान है.

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